________________ भाषाटीकासहित. उसमें से जल भरकर पिया और उसकी मनपर वृक्षको छायामें सो रहा, इतनेमें उसने एक स्वप्न देखा कि एक राजाकी बेटी महासुंदरी है, उसके साथ अपना विवाह हुवा है, उसको विदा कराय मानों अपने घर लाये है, उससे सुपुत्रमी उप्तन्न हुआ है, सो दरिद्री मनुष्य देखता है कि मानों वह पुत्र बीचमें सोता है, उसके इधर उधर एकही खाटपर स्त्री पुरुष दोनों सोये है, इतनेमें फिर क्या देखता है, कि स्त्रीने कहा, आप अलगको हट जाओ क्योंकि बीचमें लडका है, पिच न जाय, सो यह बात सुनते ही, लडकेको दबनके भयसे जो एक ओरको हटा तुरन्त कुयेंमें जाय गिरा और डूबकर मरगया, देखो राजाकी बेटीके साथ विवाह आदि होना, और लडकेका होना, तथा एक खाटपर सोना उसने देखा सो सब बात झूठी होगई और कुमें गिरकर डूब जाना सच होगया, इसीप्रकार यह संसार सब झूठा है इससे इस स्वामके स मान मनमें झूठा जानो, यही इसका त्याग है, ऐसे उप-देश करके मदालसाने अपने पुत्रोंको उपदेश करके ज्ञानी AC-Gahiratnasurnm Jun Gun Aaradnak Trust