________________ स्त्रीचरित्र. बनादिया, विचार करना चाहिये कि रानी मदालसा कैसी विद्यावती और ज्ञानवती थी। सीता.. - श्रीसीताजीके विद्यावती होनेमें प्रमाण सुनो कि जब सीताजी लंकाकी अशोकवाटिकामें थीं तब एक स___मय सीताजीके समीप रावणं आया और यह वचन बोला कि। मू-भवित्री रम्भोरु त्रिदशवदन ग्लानिरधिका सतेरामः स्थाता न युधि पुरतो लक्ष्मण सखः // इयंयास्यत्युचैर्विपद मधुना वानरचमूर्लधिष्टेदंषष्टाक्षर पर विलोपात्पठ पुनः॥४२॥ .. इतिहनुमन्नाटके... अर्थ-हे रम्भोरु ! (सीते) त्रिदशों (देवताओं) के वदन (मुख) पर ग्लानि होगी अर्थात् मेरे साथ युद्ध होने में देवताओंके मुख सूख जायगे, और तुमारे पति P.P. Ac, Gunratnasuri M.S: Gun Aaradhak Trust