________________ भाषाटीकासहित. त्यागकरदेना ईश्वरकी इच्छाके विपरीतकाम करना है क्यों कि ईश्वरका प्रिय काम वही है, कि उसने सबके पीछे लगादिया है, उसका प्रतिपालन करना यही उसकी उपासना है और राज्यको छोडकर अलग बैठना तो लंगडेठूलोंका काम है, सो तुम चलकर राज्य करो क्योंकि ज्ञानमें किसीका त्याग वा ग्रहण नहीं है जो ईश्वरका निश्चित कार्य है उसका पालन करना अवश्य है, इस प्रकार समुझाय बुझाय रानी अपने पतिको ले आई योगवाशिष्टके निवारण प्रकरणके पूर्वार्द्धमें भी यह कथा लिखी है।। मदालसा. - योगवाशिष्टहीमें मदालसा रानीकी कथा इस प्रकार लिखी है, कि रानो मदालसाके पतिने कहा कि, हम सन्तान उत्पन्न नहीं करेंगे क्योंकि हमारे पुत्र कदाचित् अज्ञानीहये तो वे नर्कमें जायगे और उन समते हमको तुमकोभी नरक प्राप्त होगा, सो ऐसी अज्ञानतासे काम क्यों करें यह सुनकर मदालसाने जबाब दिया कि हे महाराज / ऐसा विचार आप न करे मेरी कुक्षिसे जो P.P.AC.Gunratnasuri.M.S.. Jun Gun Aaradhak Trust