________________ भाषाटीकासहित. से गाजीपुर और आजमगढके जिलेमें दो वडी जागीरें दिलवाई, और देशमें उसके वंशकी प्रतिष्ठा बढाने के लिये कृष्णकान्तके पुत्र लोकनाथको राजा बहादुरकी पदवी प्रदान की, बाबू कृष्णकान्त दीवानका परलोक विक्रमीय सम्वत् 1845 में हुआ, यह कासिमबाजारकी राजगद्दीपर तेरह वर्ष तक विराजमान रहे, विक्रमीय सम्बत् 1861 में बहुत समयसे रोगी होने के कारण लोकनाथ परलोकवासी हुई, उस समय लोकनाथका पुत्र हरीनाथ के समर्थ होनेपर सन् 1825 ईसवी तारीख 26 फरवरीको राजा बहादुरकी पदवी सहित राज्य अरलआवएमहर्सट साहबने उसको सौंपदिया, कुमार हरीनाथजीने धर्म के अनेक कार्य किये, सन् 1832 ईसवी विक्रमीय सम्वत् 1888 में हरीनाथकाभी देहान्त होगया, हरीनाथका पुत्र कुमार कृष्णनाथ बहुत छोटा था, सन् 1840 ईसवी तथा विक्रमीय संवत 1881 तक सरकार इस राज्यका प्रबन्ध करती रही, सन् 1840 ईसवी विक्रमीय सम्वत् 1888 में . P.P.AC.GunratnasuriM.S.. . .. Jun Gun Aaradhak Trust,