________________ 218 स्त्रीचरित्र. भागी, परन्तु मार्गमें मुरारमें एक अंगरेजी फौजसे युद्ध हुआ 17 जून सन् 1858 ईसवीको रानी लडाईमें बडी वोरतासे लडते लडते कट मरी उसके पीछे उसको सब फौज तितर वितर होगई चार तोपैं उस दिन अंगरेजोंके हाँथ पडी, निस्सन्देह यह स्त्री भारतवर्ष में इस समय वडी वीर और बुद्धिमती हुई, रानोको वीरताके विषयमें अनेक गोत उस देशमें प्रसिद्ध हैं, इति / आगे महारानी स्वर्णमयीका कुछ वृत्तान्त लिखते है, महारानी स्वर्णमयी. .. काशिमवाजारको स्वर्णमयी महाराणी जिस गद्दीपर विराजमान हुई, दीवान कृष्णकान्त नदीका स्थापित किया हुआ है यह दीवान वरन होस्टंगस गवर्नर जनरलकी कृतज्ञता और कृपा करके जिसके प्राण उसने एक कठिन समयमें वचायें थे, वडे अटूट धन और समर्थको प्राप्त हुआ। - दीवान कृष्णकान्तको गवर्नरजनरलने पहले सरकार P.P. Ac. Gunratnasuri M RU