________________ स्त्रीचरित्र. और पापसे बचना क्योंकि जैसे स्त्री शास्त्र पढकर बुरे कामोंसे बच सकती है। वैसे ताडना करने, और घरमें रोकनेसे नहीं बचती मनुस्मृतिमें लिखाहै // 16 // / अरक्षिता गृहे रुडाः पुरुषैराप्तकारिभिः // आत्मानमात्मनायास्तु रक्षेयुस्ताःसुरक्षिता॥ - अर्थ-अच्छे अच्छे पुरुष स्त्रियोंको बडे प्रयत्नसे घरमें रोके तो भी अरक्षित है, और जो स्त्री अपने आप बुरे कामोंसे बचेगी सोही सुरक्षित अर्थात् रक्षा करीहुई होगी। अब विचार करना चाहिये कि जब स्त्री रोकनेसे पापको त्याग सकती और अपने आपसे बच सकती है, तो उनको पढाना अवश्य उचित है, कि जिस्से स्त्रियां पापको जानकर बुरे कामोंसे बचें, यहां एक ह. शान्त है, कि जैसे किसी चोरी करनेवालेको उपदेश किया जाय कि तुम चोरी करना छोड दो यह काम बहुतही बुरा है. तो वह चोर चोरी करना कभी नहीं त्यागैगा. परंतु जब पकडा जाकर कैदी किया जाय तो कैदके दुःखसे चोरीको बुरा समझकर उससे विल्कुल हाथ उठा C. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradnak Trust