________________ स्त्रीचरित्र. चित्तौर गढ पर थावा किया, इस वार बादशाहके बहुत कुछ कहनेसे यवन सिपाहियोंने प्राणोंका मोह छोडकर युद्ध करना प्रारंभ किया, क्षत्रियोंने जब देखा कि टीडी दलके समान इस यवन महासेनासे निस्तार पाना कठिन है, कुत्तेकी मौत मरना अच्छा नहीं, अब इसीमें भलाई है कि अपनी प्रतिष्ठा बचानेका उपाय करके रणक्षेत्रमें जाकर लड मेरे, यह विचार कर क्षत्रियोंने किलाके भीतर वाली गुफामें अग्नि प्रचंड करके अपनी स्त्रियोंको बुलाय यह वचन कहा कि तुम सबको अपनी प्रतिष्ठा बचानेके लिये अग्निमें प्रवेश करनेके सिवाय दूसरा उपाय नहीं हैं, हम सब तुमको स्वर्गमें आकर मिलेंगे, यह सुन सब क्षत्रियाणी जो वहां थो रानी पद्मावती समेत अमिमें प्रवेश कर गईं, क्षत्रियों ने उनका एक एक वस्त्र अपने शरीर पर धारण कर केसरिया वागे पहिनकर किलेका फाटक खोल दिया, और सबक सब शत्रुओंसे लडकर कट मरे, बादशाह प्रसन्न हा, पद्मावतीसे मिलनेकी आशासे किलेके भीतर आया P.P.AC.Gunratnasuri M.SE Jun Gun Aaraanan Trust