________________ भाषाटीकासहित. 149 हको कहला भेजा कि रानासे एक घंटे तक अन्तिमभेंट कर लेने पर अपाके पास आऊंगी, बादशाहने बहुत प्रसन्न होकर रानीकी बातको स्वीकार किया, और आधघंटे तक रानासे भेंट करनेकी आज्ञा दी, उधर रानी पद्मावती रानासे मिली, उधर बादशाह फूले नहीं समाते थे कि ऐसी खूब सूरत औरत हाथ आई, इसी ध्यानमें बादशाह विचार कर रहा था कि, कब आध घंटा गुजर जाय और रानी हमारे सामने आवै, यहा दूसरा गुलखिला, दुष्ट यवनराजकी आशा भंग हो गई, रानी और राना अति शीघ्रगामी घोडों पर चढकर चित्तौरको भाग आये और उन सात सौ रण कर्कश क्षत्रियोंने वीररूप धारण कर बादशाहके लश्करको मार भगा दिया और ऐसी घबराहट फैला दी कि, हाहाकार मचगया, बादशाह अपना सा मुंह लेकर दिल्ली लौट गया और रात दिन इसी चिंतामें रहा करता था कि ' किसी प्रकार चित्तौर गढको फतहा करूं विक्रमी सम्वत् / 1360 में बादशाहने अपनी सेना सम्हालकर फिर AC a ina A - Jun Gun Aaradhak Trust