________________ 134 स्त्रीचरित्र. चक्रवाकके स्थानमें चील्ह, कौये, गिद्ध आदिकका जम घट होगया, चारों ओर हाहाकार हो रहा है, वाकी सेना आपने आप खेत छोड भागी जाती है, . नाराच छन्द. अनेक पागको तर्जें भ6 दशा निहारकै। अनेक वस्त्रहीन शस्त्र भूमि माहिं डारकै॥ अनेक अंग भंग संग साथको विसारकै। अनेक भाग जाय लोक लाजको निवारकै॥ अनेक पादुका विहाय धाय गात मारकै। अनेक जी बचाय जाय घास सीसधारक। अनेक साधु वेष साज जात वस्त्र फारकै। अनेक हाय मार मार प्राण देत हारकै // 9 // - जयचन्दकी सेना भागगई, कन्हकी विजय हुई, परन्तु फिर युद्ध आरंभ हुवा, उस युद्ध में केवल हाहुली राय, चन्दवरदायी और रामगुरू पुरोहित बचे, और गो P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Sun Gun Aardhak Trust