________________ स्त्रीचरित्र. कविराज, तुम संजय सरीखे बुद्धिवान् पृथ्वीराजके दरबारमें थे. फिर उन्होंने विना करण हमारे भाई को मारकर हमारे यज्ञमें क्यों विघ्न किया?दिल्लीपति अनङ्गपाल हमारी सेवा करते थे, और हमभी उनकी मर्यादा को बढाते थे, अनङ्गपालने हमारी आज्ञा विना, पृथिवीराजको दत्तक पुत्र बनाया, तब केवल उनकी सेवाका स्मरण करके हमने उन्हें क्षमा किया, आज अस्सी लाख सेना हमारी आज्ञामें है, सब हिन्दू मुसल्मान हमारे आतंकसे थर थर कांपते हैं, फिर पृथिवीराजने जान बूझकर सिंहकी पूछ दबानेका कैसे साहस किया ? यह सुनकर चन्द्रकविने उत्तर दिया कि, राजाधिराज पृथिवीराजको सिंहको पूछ दबानेका अभ्यास तो जन्मसे है परन्तु वे आपको सपुच्छ नहीं समझते थे, यदि आप परस्परके. उपकारहीको सेवा समझते हैं. तो महाराज पृथिवीराजने आपको सेवामें क्या कसर की, जब आप दक्षिण देश पर चढकर गये पीछेसे शहाबुद्दीन गोरा कन्नौजपर चढ आया था, यदि उस समय राजाधिराज Jun Gun Aaradhak Trus P.P. Ac. Gunratnasufi M.S..