________________ राग पीलू. स्त्रीचरित्र.. महाराज पृथ्वीराज कविचन्दके साथ हुये, कन्नौज पहुंचकर वाहर डेरा डालदिये गये और कविचन्दका आना प्रगट किया गया, पृथ्वीराजको अपना सेवक बनाय कविचन्दजी महाराज जयचंद्रकी सभामें पधारे और आशीर्वाद दिया. Swapp - राजत पूरणशशि जयचंद। , चतुर चकोर विलोकतही जिहिं होत हृदय . सानन्द / जग शोभा वर्धक नक्षत्रपति सोहत अति स्वच्छन्द रवि प्रचण्डता, रहित हर्षप्रद अनुपम आनंद कन्द / शुक्लपक्ष ज्यों बढ़ अमित द्युति कबहुं परै मतिमन्द // बार बार यह देत मुआशिष वरदाई कविचन्द // 1 // ॐ.. इस रागमें कविचन्दने चतुराईसे पृथ्वीराजको रवि P.P.AC.GunratnasuriN Gun Aaradhak Trust