________________ 66 . स्त्रीचरित्र दिगजायके, पग धरिधरि मुसकाहिं / दर्श पर्श करि सबैविधि, कबहुं न काहु लजाहिं४०॥ माला ठेला जब पडै पैसा लेयं गिनाय / चलें झपटि दिलदार संग, बहुविधि बात बनाय // 41 // अस अस सुख बडि भागसे, मिले हमैं इहलोक / यही लोक सुरलोक है, तज बावरितनशोक॥४२॥हमारो ढंगलखि कुटिलजन, करनलगे कनफूस / पडै सा. मना जीनदिन, लेडं हाड धरचूस // 43 // सखी कहै तुम वांझहौ,भयो सोच मनमाहि। मंत्रयंत्रमिसकछुअदिन,जातलख्योकोउना हिं॥४४॥ गई जवानी चैनसे, भयो गोदमें लाल। लाल झरा वनइतै उत, चलौं मत्तगज चाल // 49 // आगे आगे सजनलै, चलें गोदभरि पूत।तापाछे मुसक्यात हम, दशावत करतूत // 46 // सजन हमारे दु P.AC..Gunratnasuri Jun Guin Aaradhak Trust.