________________ स्त्रीचरित्रहँसें हंसावै रंगरस, बाते करें बनाय / सुनै कोइ कादरपुरुष आप आय सकुचाय॥१५॥ सौख रही बडसिखनकी, टोना मंत्रटपार। नटी सटीनट माटसे, मिलत्यूं नैन उ. घौर // १६॥भाइ भतीजा जो कोऊ, रॉक कहूँ भुलाय। तादिन महना मथकरौं, खा. टपरौं सुरझाय // 17 // रहौं प्रचंडा सबै विधि, नाम धरै नहिं कीय / रामकर पितु मातु घर, सबको अस सुख होय॥१८॥वीस वर्षपर व्याहेक, गौना भयो हमार। ज्वानका सुख हमहिको, नैहर मिल्यो अपार // 19 // रोय गाय गड सजनघर, उहाँ नलागैनीका। खान पान सन्मान बहु,कछुक दिननरह फीक // 20 // तिय चरित्रकी मुधि भई, धीरज धयो शरीर।अपने गुन ढंग रंगसे, मिटी सकल भयभीर // 21 ॥खाय P.P.AC.GunratnasuriM.S. Jun Gun Aaradhakrust.