________________ भाषाटीकासहित. ननिशिदिनगेह॥॥सुनहमार जीवनचरित, जो विचित्र संसार। तुरततोर भ्रमभागही उपग्रीतिअपार॥८॥मात पिताकीलाडिली, नान्है कीन्ह विवाह / तबसे पर्दैन रहिचली, जी चह गौन उछाह // 9 // पर्दन रख कोड क्या करे.मन हमार दारयाव / बहतन पार उतारहीं, अपने सुगुन सुभाव // 30 // पढन लिखनको भल को हम नगरके लोग। मातपिता क्या बावले, जानि देहि यक रोग // 11 // हम आपै जग चातुरी, रहीं छटीली बाल। संगपडी एकनारिके, जी मन्मथको जाल // 12 // हमर्हि सिखायो बहुत गुन, सो वर्णी तुमपाहिं / तो सम हितू हमार कोउ, और नहीं जगमाहि // 13 // जोकहिं बाजै ढोलकी, तुरतजायँ वहिठाम। फूहर पातर गीत बहु, गावें लैलै नाम // 14 // P.P.AC. Gunratnasuri M.S. .. Jun Gun Aaradhak Trust