________________ बीचन्त्रि कुटनी चरित्र 2. दोहा-एक वन्यिनिक मदन, आई वृद्धा नार। तिलक लगाये भालपर, करमाला निरधार!जानुलनीनाला हाय लाख.कियो बहुत मन्मान वटायो अति प्रेममों, उत्तम मा. धिनि जान॥२॥ कामधाम निज तजिमती, वटी बुडियापान कक सत्य उपदेश हित.पछतिचित हुलाना३॥कहाँ मातु वेभामिनी. कमी हे जगमाहि। पढे लिखेनहिकोटिविधि पुजनयनकराहिं जातेज्ञानविवेक सब पालोकनमाहिनेमधर्मकुललाजतजि परपुमानिनादि। प्रश्नमुनतहीवहचतुर, तिवनमहागनि सतीसत्तमनडिगनहित निचलीबवानि // 6 // परपुरुषके मिलन म.उपजत्रधिकमनहातू क्याजानैबाबरी, तजै "P.P.AC.Gunratnasuri M.S.