________________ स्त्रीचरित्र. हुआ आर मोहनीको बैठे देखा. मोहनीनेभी उसकी ओर देखा,यह दूसरा लडका पहले लडकेसे बहुतही सुन्दर मानों कामदेवका रूप था, देखतेही मोहनीने बुलानेका संकेत किया वह लडका तुरन्त कोठेपर पहुंचा और मोहनीको 'पाच रुपये देकर समागमका आनन्द लूटने लगा. तीन चार 'घंटे पर्यन्त वह लडका आनन्द मनाकर अपने स्थानको चलागया. अब उस लडकेकी मोहनीमूर्ति मोहनीके ह्रदयमें बसगई. पहले लडकेको मोहनी एकदम भूलगई थोडी देखाद जब वह पहला लडका आया तो मोहनीने ऐसी बातें बनाई कि, फिर उस दिनसे वह लड़का नहीं आया. उसके दूसरे दिन जब दूसरा लडका आया तब मोहनी कहने लगी, कि प्यारे ! तुह्मारी जुदाई हमसे सही नहीं जाती. ऐसा उपाय करों कि, जिससे हम तुम कुछ दिन रातकोभी. एकही साथ सोवें, तुह्मारी मोहनी मूर्ति हमारे हृदयमें बसगई,इसकारण तुमारे चले जाने पर हम बहुत व्याकुल होजाती हैं. लडकेने जवाब दिया कि प्यारी ! बहुत अच्छी बात है. हम आजरात u un Aalbork IV AC,Gunratnasuri.M.S.