________________ .. भाषाटीकासहित. 137 तथा-सवैया। - नैन विशाल मनोहर मूरति सूरत जासु मेरे मनभाई / केसर लाल विराजत भाल--सोभानगरे मन लेत चुराई / बैननमाहिं सुधा वर्षे अंगअंगन छाय रही तरुणाई। - चन्द्रमुखी छबि आनि वसी उर भूलत नाहिं न क्योंहू भुलाई // 23 // तथा-सवैया / गोरो सो रंग उमंगभरो चित अंगअनंगको मंत्र जगायो / काजररेख लसै दृगमें दोउ भाहन काम कमान चढायो॥आवनि बोलनि डोलनि ताकी चढी चितमें अति चोप चढायो। नैननमें यह रूप वस्यो मम भूलत नाहिं न क्योंह भुलायो // 24 // तथा-सवैया / मत्तगयन्दकीचालचलैकटिकिकिणिनूपुरकी P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradha