________________ 138 स्त्रीचरित्र. ध्वनि बाजै // मोतिन हार हिये अतिशय हूं. लसात हुलास विराजत साजै॥सारी सुहीमतिरामलसै सुखरंगकी सारी सोयों छबि छाजै॥ पूरणचन्द्रपियूख मयूख मनों परिवेषकी रेख बिराजै // 25 // तथा दोहा। शशिसम मुख दृगकुमुदसे, करपद कमल समान / चम्पासोतनदेखिके, विकल भये मम प्रान॥२६ालाल अधर अंजन गन, कर मैं: हदी छबिदेत / श्यामबिन्दु मस्तकलसै,कामीको मन लेत ॥२७॥हँसन दशनकी फवन लखि मुखभंवरनकी भीर / ऐसी नारिनिहारिके कोन तजत उरधीर // 28 // - मदन मोहनकी ये बातें सुनकर मुखदर्शनने कहा, हे मित्र ! तुमने नाहक इस पंथमें पांव धरा. . दोहा-इश्क फन्द जगमें बुरा,इश्ककरै सोकूर। इश्क चमनमें जायके,छानत जगकी धूर 29 P.P:AC.Gunratnasuri M.S..... Jun Gun Aaradhak itust