________________ श्रीपाल प्रस्ताव चरित्र / र्मियोंकी भक्ति करना चाहिये; यह सुन कर विवेकी श्रावकोने धन-धान्य पूरित एक विशाल है। है मकान रहनेके लिये उन्हे सादर अर्पण किया, उसमें दोनो दम्पति सानन्द निवास करते हैं॥१९॥ है अब वह उम्बरराणा गुरु महाराजके व मदनाके वचनसे भावपूर्वक श्रीसिद्धचक्रकी सेवा-भक्ति / | करने लगा और मुनिमहाराजके पास निरन्तर व्याख्यान श्रवण करता है, मदनाके साथ धर्मः | // ध्यान करता हुवा गुरुमहाराजको वस्त्र-पात्रादि दान देता हुवा सुख पूर्वक निवास करता है. कितनेक दिन व्यतीत होने पर ओलीपर्व आन पहुँचा, आसोज सुदी सातमके दिनसे है उम्बरराणा मयणासुन्दरीके साथ नौपदजीका आराधन करने लगा, मुनिश्चन्द्र महाराजका प्रतिष्ठित श्री सिद्धचक्रका यन्त्र प्रभु प्रासादमें स्थापन किया, प्रतिदिन अष्ट प्रकारी पूजा सहित | आयबिल तप करने लगा, मदना श्री ऋषभ जिनेश्वरका तथा उस परम पवित्र यन्त्रका स्नात्र | जल लेकर हमेशां अपने पतिके शरीर पर सींचन करने लगी, दृढ़ श्रद्धासे आराधित धर्मके OGHOSAROSAROACADCASSACRORESCRESCORE RASTAIGAARASSHOSHIRISA - 6*6* 8 // AcGunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhal