________________ है राजा बोला-हे उम्बर ! मुझे किसी तरह विवाद नहीं है मगर भाग्य परीक्षाके समय तुमही | आगये इसमें मैं क्या करूं? इत्यादि. उम्बरराणा बोला हे महाराज ! मैं तो इसे ग्रहण करना नहीं चहाता, आपकी जैसी तैसी कोइ कन्या हो तो मुझे दे दो बस मैं शान्तिसे वापिस चला है। जाउं गा-राजा आगे पीछे कुछ भी नहीं विचार कर क्रोधाग्निमें जलता हुवा इस प्रकार बोला हे मदने ! यदि कर्म वादमें तेरी दृढ श्रद्धा हो तो इस उम्बरको वरले; मयणासुन्दरी अपने पि* ताके इन कटाक्ष वचन बाणोंको झीलकर धैर्यता पूर्वक बड़े अदमसे उम्बर राणाका करस्पर्श है। किया अर्थात् 'हथ लेवा जोड़ा' इस वख्त सब लोग हा! हा! कार करने लगे; उम्बर राणा तो मदनाको वेसारूढ कराकर अपने मुकाम पर लेगया इधर लोग मदनसुन्दरी की निन्दा और सुरसुन्दरीकी तारीफ करने लगे, सच है! लोगोंके मुहपर कुछ ताला नहीं होता, अनेक लोग नाना विध बोलने लंगे; तद्यथाः-- Ac Gunratnasu M.S. Jun Gun Aaradhali