________________ तब जयसुन्दरीने श्रीपाल कुमारके कंठमें वर-माला पहनाई, राजाने मोटी धाम-धूमसे उनका || विवाह किया, धन धान्यादि-परिपूर्ण एक महल रहनेको दिया, वहांपर श्रीपालजी लीला-लहर | करते हुवे सानन्द रहने लगे. 4:34OOSECSCALESED प्रतिष्ठानपुरके राज्याधिकारकी माप्ति.. एक वख्त मातुल नृप ( मामा-राजा ) के पुरुष श्रीपालजीको बुलानेके लिये आये तब है। जहां 2 अपनी स्त्रियें छोड़ आये थे वहां 2 से उन्हें बुलानेको कुमारने अपने विश्वास पात्र / सुभट भेजे, वे सब ललनाएं अपने 2 भाईयोंको साथ लेलेकर श्रीपालजी के चरणोंमें हाजिर Jun Gun Aaradhak RIAC.Gunratnasun M.S.