SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 91
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीशान्तिनाथ चरित्र। वहाँ पर किसी समय मकरध्वज नामके राजा राज्य करते थे। उनकी पत्नीका नाम मदनसेना था। उसीके गर्भसे उत्पन्न और पद्मसरोवरके स्वप्न द्वारा सूचित पद्मकेसर नामका एक पुत्र भी राजाके था। एक दिन / रानी मदनसेनाने राजाके सिरके बालोंपर कंघी फेरते-फेरते एक पका हुआ केश देखकर कहा,-" ए स्वामी दूत आ गया।” यह सुन, रोजाने चकित होकर चारों तरफ़ देखा; पर कहीं कोई दूत नज़र नहीं आया। यह देख, उन्होंने रानीसे पूछा,-प्रिये ! वह दूत कहाँ है ?" रानीने राजाको वह सफ़ेद बाल दिखलाकर कहा,-" धर्मराजने बुढ़ापेके आगमनकी सूचना देने के लिये इसी पके हुए केशके बहाने आपके पास दूत . भेजा है ; इसलिये अब जहाँतक बन पड़े धर्म-कर्म कीजिये।” रानीकी यह बात सुन, राजा विस्मित होकर विचार करने लगे,-"मेरे पूर्वजोंने तो बाल पकनेके पहले ही धर्मका सेवन किया था। चारित्र ग्रहण किया था, पर मैं आजतक कुछ भी न कर सका। इसलिये मुझ राज्यके लोभी और बाप-दादोंकी रीति बिगाड़नेवालेको धिक्कार है। अभी मैं विषय-सुखमें ही लिपटा हूँ और इधर बुढ़ापा आ पहुँचा।” इस प्रकार चिन्तामें पड़े हुए पतिको देख, उनका. अभिप्राय जाने बिनाही रानीने . हँसते-हँसते कहा, "हे नाथ ! अगर बुढ़ापा आ जानेके कारण आपको लज्जा आ रही हो, तो कहिये, मैं नगरमें इस बातकी ड्योंड़ी पिटवा दूँ, कि जो कोई राजाको वृद्ध बतलायेगा, वह अकालमें ही यमराजका घर देखेगा।" रानीकी यह बात सुन, राजाने कहा,-"प्रिये ! ऐसी बेसमझकी सी बातें क्यों करती हो? मेरे जैसे लोगोंके लिये तो बुढ़ापा मण्डन-स्वरूप है ; फिर मैं इसके कारण लजित क्यों होने लगा ?" राजाका यह कथन श्रवणकर रानीने कहा,-" नाथ! तो फिर अपमा उजला बाल देखकर आपके चेहरेका रंग काला क्यों पड़ गया ?" इसपर राजाने रानीको बतलाया, कि पका हुआ केश देखकर मेरे मनमें जो वैराग्य उत्पन्न हुआ है, उसीसे मेरा मुखड़ा उदास दीख रहा होगा। इसके बाद राजाने अपने पुत्रको राज्यका भार सौंप, आप अपनी स्त्रीके P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust
SR No.036489
Book TitleShantinath Charitra Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhavchandrasuri
PublisherKashinath Jain
Publication Year1924
Total Pages445
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size355 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy