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________________ किया, इसपर आपने केवल चित्र देना ही स्वीकार किया और जीवन चरित्रके विषय में सर्वथा निषेध कर दिया। चित्रके साथ-साथ आपके आदर्श जीवन-परिचयकोभी दे देना अधिक उपयुक्त प्रतीत हुआ। अतएव हमने आपके जीवन घटनाओंका विवरण जाननेके लिये अपने दो चार मित्रोंसे कहा सुनी करी। एक दो मित्रोंने आपकी जीवनीका परिचय भी दिया, पर उससे हमें पूर्ण सन्तोष लाभ न हुआ। इसके बाद हमने अपने परम प्रिय मित्र बाबू अमरचंदजी दफतरीसे इसके लिये निवेदन कीया। उन्होंने कतिपय उल्लेखनीय बातें मालूम की। इस तरह हमने इधर उधरसे आपके जीवन घटनाओंका विवरण जानकर इस जीवन-परिचयको लिखा है, इस लिये संभव है, कि इसके लिखने में त्रुटी रह गई हो। अतएव हमारी क्षमा याचना है। __शेषमें हम अपने प्रिय मित्र साहित्य प्रेमी बाबू अमरचंदजी दफ़तरीको सहर्ष धन्यवाद देते हैं। जिन्होंने आपके जीवन-परिचयके सम्बन्धमें कुछ बातें मालूम कर हमें पूर्ण अनुग्रहीत कीया है। 201 हरिसन रोड, / आपका कलकत्ता। काशीनाथ जैन P.P.AC.SunratnasuriM.S. . Jun Gun Aaradhak Trust
SR No.036489
Book TitleShantinath Charitra Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhavchandrasuri
PublisherKashinath Jain
Publication Year1924
Total Pages445
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size355 MB
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