________________ साहित्य प्रेमी मुनि निरञ्जनविजय संयोजित यौवन अवस्था को प्राप्त हुई दोनों बहनों ने एक दिन आपस में यह निश्चय किया कि हम दोनों कभी भी प्रथक नहीं होगी अथवा हम दोनों एक ही पुरुष के साथ विवाह करें जिससे हमारा कभी वियोग न हो सके। ___एक दिन दोनों कन्याओं को विवाह योग्य देखकर राजाने उनको पुछा- हे पुत्रियो ! मैं तुम्हारा विवाह किस देश के किस व्यक्ति के साथ करू? दोनों राज कन्याओं ने उत्तर दिया-पिताजी ! यदि आप हम पर प्रसन्न हैं तो हम दोनो बहिनों का विवाह एक ही वर के साथ करें ताकि हमारा वियोग न हो और हम दोनों सदा प्रेम पूर्वक साथ रहें। "कन्याएं बोली तात हमें, वर एक चाहिये जिससे हम ... बिछुड़े ने परस्पर बहिनों से, स्वामि सौभाग्य न खोवे हम // . और नितीकार ने भी कहा है-"कन्या तो सुन्दर व रुपवानवर को, माता धन को पिता अच्छे ज्ञानवान को और बान्धवलोग के वल मिष्टान्न ही चाहते हैं।" * राजा ने अपनी पुत्रियों को उत्तर दियो कि "मैं तुम्हारी इच्छा के अनुसार एक ही वर के साथ तुम्हारा विवाह करूंगा।" वरं वरयते कन्या माता वित्त पिता श्रुतम् / बान्धवाःधन मिच्छन्ति मिष्टान्नमितरे जनाः // 11 // P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust