________________ श्री विक्रम चरित्र खाग, पंडितों को निर्धन प्रियजनों का वियोग होता है और सुन्दर रूप वालो को दुर्भाग्यता एवं धनवालो को लोभी बनाया, इस प्रकार हमारे सुन्दर राज पुत्र को भी गूंगा मगा बना दिया यह सब यमराज की लीला है / राज्य की सारी प्रजा राजा के इस दुख से दुखी हुई। ___तत्पश्चात् महाराजा उद्यान से नगर में आकर अनेक शास्त्रों के जानने वाले बहुत से वैद्यों को बुलाकर अनेक प्रकार का उपचार कराने लगे। इस प्रकार उपचार करते करते छः मास बीत गये परन्तु शुकराज कुछ भी नहीं बोला / गद्य लोग कहते थे कि कफ पित्त और वायु का विकार है / ज्योतिषी कहते थे कि ग्रह का दोष है / भौतिक उपसर्ग में निपुण लोग कहते थे कि भूत का उपद्रव है साधु लोग कहते थे कि पूर्व जन्म के पापों का फल the हे सुज्ञ वाचक ! इस प्रकरण में मृगध्वज राजा के साथ ऋषि पुत्री कमल-माला के लग्न का अद्भुत प्रसंग आया एकां शुकराज का जन्म व एक आम के पेड़ के नीचे मर्छित होना उसके लिए अनेक उपचार किये वे सब निरर्थक हुए अब आगे क्या होता है वह सब आगे के प्रकरण में दिखाया जायगा। P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust