________________ साहित्य प्रमी मुनि निरव्यविजय संयोजित पर मैं पुनः तुमको एक सुन्दर हंस दूगा। "रात्री के इस स्वप्न को देखने के बाद मैं जागृति हुई / अब स्वामिन् ! आप मुझे यह बतलाइये कि इस स्वप्न का क्या फल मुझे प्राप्त होगा। वह मुझे बतलाइये! स्वप्न फल का कथन तथा पुत्र जन्मः राजा ने प्रातःकाल स्वप्न जानने वालों से विधि पूर्वक फल पूछ कर अपनी प्रिया कमल-माला को कहा / "जो कोई स्वप्न में राजा, हाथी, घोडा, सुवर्ण, बैल और गाय ये सब देखता है उसका कुटुम्ब बढ़ता है / जो स्वप्न में दीप, अन्न, फल, कमल, कन्या, छत्र और ध्वज देखता है अथवा मंत्र प्राप्त करता है वह सदा सुख का लाभ प्राप्त करता है / स्वप्न में गाय, घोड़ा, राजा, हाथी, देव इनको छोड़ कर अन्य सब कृष्ण (काली) वस्तुओं को देखना अशुभ है / कपास तथा लवण इनको छोड कर अन्य सब शुक्ल (सफेद) वस्तुओं का देखना शुभ है। देवता, गुरू, गाय, पीतर, सन्यासी और राजा ये स्वप्न में जो कुछ भी कहते हैं वह उसके अनुसार ही फल देता है। इस लिये हे प्रिया ! इस स्वप्न के अनुसार तुम्हें दो पुत्र प्राप्त होगे पहला पुत्र शीघ्र ही उत्तम तथा शुद्ध आचरण वाला होगा। राजा की ये बातें सुन कर रानी अत्यन्त प्रसन्न हुई तथा कुछ समय पश्चात् उसने गर्भ धारण किया / उस गर्भ के प्रभाव से रानी को बहुत अच्छे अच्छे P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust