________________ ... 20 . विक्रम चरित्र ने उन लोगों के बहुत प्रहार सहन किये। अब आप स्वयं ही अपना राज सम्भाले। अपने साला चन्द्रशेखर की ये बातें सुन कर मृगध्वज राजा ने उसका अतीव सम्मान किया / बाद में बड़े उत्सव के साथ नगर में अपनी नूतन रानी कमलमाला के साथ प्रवेश किया। नगर की स्त्रियां अपना अपना गृहकार्य छोड़ कर राजा की नवीन रानी को देखने के लिए एकत्र हो गई क्यों कि स्त्रियों में नवीन वस्तु देखने की आतुरता अधिक बलवान होती है। कमल-माला का शुभ स्वप्नः- . . इसके बाद राजा मृगध्वज ने अपनी नवीन रानी कमलमाला को पटरानी बना निर्मल चित्त से न्याय पूर्वक अपनी प्रजा पर शासन करने लगा। कमल-माला ने अपने पिता से मिले हुए मन्त्र को अपने स्वामी को दिया। राजा ने दूसरे ही दिन पुत्रप्राप्ति के लिये विधि पूर्वक उस मन्त्र का जप किरण / इसमें सब राज-रानियों के क्रम 2 से एक एक पुत्र उत्पन्न हुआ। कमल-माला ने एक दिन राजा से कहा कि मैंने आज रात को एक अच्छा स्वप्न देखा है / मैंने उस म्वप्न में अपने पिता के आश्रम के निकट जिन मन्दिरों में स्थित होकर कल्याण कारी भक्ति से श्री ऋषभ देव को प्रणाम किया और उन्हीं जिनेश्वर देव ने मुझे कहा कि "हे पुत्री ! इस समय यह एक मनोहर शुक लो / कुछ दिन बितने P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust