________________ imarn.in विक्रम चरित्र w.mirrrrrrwwwwwwwww संसार रूपी समुद्र को पार करने की इच्छा करने वालों के लिए दृढ़ नौका रूप आपकी मूर्ति दृष्टि गोचर होने पर क्या क्या नहीं करती (1)? ... ... शुक की इस प्रकार की स्तुति सुनकर राजा घोड़े से उतर कर जिन प्रासाद में आया और हर्ष पूर्वक श्री जिनेश्वर प्रभु की स्तुति करने लगा। "मोक्ष का संकेत घर सगुणों के संकेत से मन्दार के माला को भी जीतने वाली, कठिन मोह जाल को काटने वाली, अत्यन्त हर्ष रूपी सरोवर को पूर्ण करने में मेघ माला स्वरूप, जिसके आगे लक्ष्मीवान रुपी ईस भी नमते हैं, दान कला से देवताओं के घर को जीतने वाली, राजाओं को आनन्द देने वाली ऐसी समृद्ध शोभा सम्पन्न आपकी मूर्ति मेरे पापों को नष्ट करें / 2 रोजा का गांगलि ऋषि से मिलन .. इधर उस जिन प्रासाद के समिपस्थ आश्रम में रहने वाले 'गांगलि-ऋषि' उस स्तुति का मधुर स्वर सुन कर आश्चर्य चकित 1. मति स्त्री जगतां महाति शमनं', मात जनानन्दिनी, मूर्ति वाञ्चित दान, कल्प लतिका, मूर्तिःसुधास्यन्दिनी / संसाराम्बु निधि तरीतु मनसा मूति ईढा नौरियं, मूर्ति नेत्र पथंगता जिनपतेः किंकिंन कतु क्षमा / / 1 / 58 / / 8 2 श्रेयः संकेत शाला सुगुण परिमलैं जेयमन्दार माला, छिन्न व्यामो जाला प्रमद भरसरः पूरणे मेघ माला। नम्र श्री मन्मराला वितरण कलया निजित स्वर्गिशाला, .. त्वन्मुति:श्री विशाला विदलतु दुरितं नन्दित क्षेणिपाला॥६॥ P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust