________________ / विक्रम चरित्रः - - चौथे प्रहर में उस ब्राह्मणने मंत्र से उस सुंदर रूपवाली पुतली को मंत्र द्वारा जीवित बना दिया. सुबह वे चारों उस सुंदर रूपवती कन्या से विवाह करने के लिये आपस में विवाद करते-लडने लगे. 4 554 HT TAK FROrammer -5 . 0. SPECAT Gua Np WORDS कपड़े का व्यापारी पुतली को सजा रहा है. चित्र न. 49... महाराजा विक्रम बोले, 'हे घोडा! वह स्त्री किस की होगी ?' घोडा बोला, 'मैं नहीं जानता कि वह स्त्री किस की होगी ?' पुनः महाराजा विक्रम बोले, 'यह जानते. हुए P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust