________________ / साहित्यप्रेमी मुनि निरञ्जनविजय सयोजित प्रहर में अपनी अपनी बारी से एक एक प्रहर जागते रहने का . निश्चय कर वहाँ ठहरे. MERENCE HALAHIRISM AMROHA MEHATANAMO (SHOKyu maa NAM स्वाज દલસુખ सुथार प्रथम प्रहर में पुतली को घड़ रहा है. चित्र न. 48 पहले प्रहर में सुथार के जागने की वारी थी. उसने अपनी बारी के समय लकडी में से सोलह वर्ष की एक सुन्दर कन्या की पुतली बनाई. दूसरे प्रहर में दोशी बनिये की बारी आई, तब उसने उस काष्ठपुतली को सुन्दर वस्त्रों द्वारा सज्जित कर दी, तीसरे प्रहर में सोनीने उस पुतली को आभूषणों से सजाया, P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust