________________ 572 . विक्रम चरित्र ..जिस के पास बुद्धि है वही बलवान है, बुद्धि हीन को बलवान् नहीं कह सकते. वन में रहने वाले मदोन्मत बलवान् सिंह को भी खरगोश ने अपनी बुद्धि से कुएँ में गिरा दिया. जैसे कि शशक और सिंह की कथा __मन्दराचल पर्वत पर एक सिंह रहता था. वह हमेशां अनेक पशुओं का वध करता था. तब वन के सब पशु मिल कर सिंह के पास गये, और कहने लगे, 'हे मृगेन्द्र ! यदि आप की इच्छा हो तो हम सब में से एक एक पशु नित्य आप के पास उपस्थित हो जाय, जिस से आप को भी श्रम नहीं करना पडेगा.' ऐसा सुन कर सिंहने उन सब की बात मजूर की. एक दिन वृद्ध खरगोश की बारी आई, तब उसने अपने प्राण बचाने के लिये, सिंह को मारने के लिये एक उपाय सोचा. वह उस दिन धीरे धीरे देर से सिंह के पास पहूँचा. तब सिंहने क्रोधित होकर पूछा, 'इतनी देर क्यों कि?' तब खरगोशने विनम्र स्वर से कहा, 'हे स्वामिन् ! इस में मेरा कोई अपराध नहीं है. रास्ते में दूसरे सिंहने मुझे रेक लिया. अतः देर हो गई.' सिंहने कहा, 'वह कहाँ है ?' तब वह खरगोश सिंह को लेकर एक कुएँ के कांठे पर पहुंचा और कहा, 'वह सिंह इस में हैं.' तब सिंहने कुएँ के अंदर देखा और अपनी ही परछाई को अन्य सिंह समझ कर उसे मारने कुएँ में कूद पडा, और मर गया. इस ' लिये निर्बल होने पर भी PLAC. Guriratnasun M.S. un Gun Aaradhak Trust