________________ 1. ॐ ह्रीं श्रीधरणेन्द्र-पद्मावती सहिताय श्रीशंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः HD RY संवत् प्रवर्तक ফ্লভাজা জিষ্ট্রি / .. [द्वितीय-भाग] मूल कर्ता-परम पूज्य पंडित श्री शुभशील गणिवर्य महाराज . __ हिन्दी भाषा संयोजक-:श्रीनेमि-अमृत-खान्ति चरणोपासकसाहित्य प्रेमी पृ० मुनि श्री निरंजनविजयजी महाराज तेतीसवां-प्रकरण -:( आठवें सर्ग से आरंभ ):--- तीर्थ महिमा और शुकराज चरित्र यस्मिञ्जीवति जीवन्ति, सञ्जना मुनयस्तथा / सदा परोपकारी च, स जातः स च जीवति // . "जिसके जीने से परम-पवित्र मुनिजन आदि साधु सन्त और सज्जन लोग जीते हैं अर्थात सुरक्षित हैं, और हमेशा परोपकार P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust