________________ साहित्यप्रेमी मुनि निरञ्जनविजय सयोजित 495 कोई मांसभक्षी है, कोई शिकारी है, कोई परस्त्री लंपट, कोई झूठ बोलनेवाला, कोई परद्रोह करनेवाला, कोई अनामत रकम खा जानेवाला, कोई झूठी साक्षी देनेवाला, कोई कपण और कोई निधन भी है. साथ ही कुछ धन्य नाम के सेठ लोग धर्मकार्य में तत्पर, कोई स्वदारा संतोषी, कुछ पर स्त्री त्यागी, कुछ दूसरों की निन्दा न करनवाले, कुछ विचक्षण भी है, तो कोई मूर्ख भी है, पर इन सब में धन्य नाम का धनपति श्रावक है, जो पूरा धर्मिष्ठ, शीलवान, शांत तथा गुणों का भंडार है, वह श्रावक के 21 गुणों से युक्त है. + - और वह धनद् सेठ मार्गानुसारी के पेंतिश गुण से भी युक्त है.४ * श्रावक के 21 गुणः-१ अक्षुद्र 2 रूपवान् 3 प्रकृति से सौम्य 4 लोकप्रिय 5 अक्रूर 6 पापभीरू 7 अशठ 8 दाक्षिण्यवान 9 लज्जालु 10 दयालु 11 मध्यस्थ सौम्यद्रष्टि 12 गुणरागी 13 सत्यवादी 14 सुपक्षयुक्त 15 सुदीर्घदशी 16 गुणदोष को विशेष जाननेवाला 17 वृद्धानुसारी. 18 गुणवालो का विनय करनेवाला 19 किया हुआ उपकार को सदा याद करनेवाला कृतज्ञ 20 परोपकारी 21 लन्धलक्ष. x मार्गानुसारी के फेतीश गुणः-१ न्यायोपार्जित धनवाला, 2 शिष्टाचार की प्रशंसा करनेवाला, 3 समान कुल, शीलवान भिन्न गोत्र में विवाह करनेवाला, 4 पापभीरू, 5 प्रसिद्ध देशाचारानुसार बर्ताव करनेवाला 6 राजादि की निंदा न करनेवाला, 7 जहाँ पडोशी अच्छे हो और न अत्यंत P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust