________________ साहित्यप्रेमी मुनि निरञ्जनविजय संयोजित 485 सम्बन्धियों को मण्डकादि हमेशा देने से कमल बजाय उसका ‘मण्डक' नाम ही प्रसिद्ध हो गया. एकदा उसकी स्त्रीने उस से पूछा, 'आप यह प्रतिदिन मालपूआ-मण्डकादि कहां से लाते है.' तब कमलने कहा, 'हे प्रिये ! यह कहने में मैं असमर्थ हुँ. मण्डकादि लाने का वृत्तान्त कह देने से हम सब दुःखी हो जायगे.' परन्तु उसकी स्त्रीने हठ पकडी और कहने लगी, 'यदि आप न कहेंगे तो मैं आत्महत्या कर लगी और उस हत्याका पाप तुम्हे लगेगा.' ___ कहा है कि-वज्र का लेप, मूर्ख व्यक्ति, स्त्रियां, बन्दर, मछली, और शराब पीनेवाले व्यक्ति एक ही बात को पकडे रहते हैं और उसे वे कभी भी नहीं छोडते. अपनी स्त्री के हठाग्रह करने पर उसने सारा वृत्तान्त कह सुनाया. प्रातःकाल होने पर जब वह गणपतिजी के पास गया, तब गणपतिजीने कहा, 'तूने मेरे कहने विरुद्ध कार्य किया है, अतः अब तुम यहाँ कभी मत आना, अगर वापस आयगा तो प्राणनाश का उपद्रव होगा.' है राजन् ! ऐसा होने पर वह कमल पश्चाताप करता हुआ अपने घर आया. और अंत में बहुत दुःखी हुआ. इसी तरह आप भी मत्स्यहास्य के कारण को जान कर दुःखी होगे.' इस प्रकार बालपंडिता की वार्ता में एक दिन निकल गया. दूसरे दिन पुनः राजाने बालपंडिता को बुलाकर मत्स्य P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust