________________ साहित्यप्रेमी मुनि निरञ्जनविजय सयोजित . 475 परिवार सहित राजकुमारी को उसी उद्यान में छोडकर शुकराज महाराजा विक्रमादित्य के पास में पहूँचा. महाराजा विक्रमादित्य की राजसभा में पहूँच कर शुकराजने विनय सहित राजा को अपनी बात सुनाई. और कहा, “कन्या द्वारा पूछी हुई समस्याओं का उत्तर देने में अभी तक कोई राजपुत्र सफल नहीं हुआ. अतः हे राजन्! आप उन समस्याओं की पूर्ति कीजिये. इस से सारी पृथ्वी पर आप की कीर्ति फैल जायगी. अगर आपने इस समस्याओं की पूर्ति नहीं की तो सारी पृथ्वी पर आप का अपयश फैल जायगा." विक्रमादित्य महाराजा बोले, “हे शुकराज ! उस राजकन्या को आप यहां ले आइये और समस्या बताईये." महाराजा द्वारा समस्यापूर्ति ___वह पद्मावती राजकुमारी शुक आदि मंत्री वगेरह के साथ अपने हाथ में सुंदर वरमाला लिये हुए रवाना हुई. फिर राजसभा में गोबर आदि से भूमि को पवित्र कर सुंदर चार गहूँलिये बनाई, और देवांगना के समान रूपावाली वह राजकुमारी राजसभा में उपस्थित हुई; उस समय नगर की अनेक स्त्रियां आदि उस राजकुमारी को देखने के लिये अपने अपने काम को छोड कर त्वरापूर्वक राजसभा में आ पहूँची. थोडी देर के बाद भूपति विराट सभा में सपरिवार उपस्थित होने पर उस कन्याने " एकल्ली बहुएहि " यह समस्या कह सुनाई. P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust