________________ 404 विक्रम चरित्र . इतने में ही संकेत स्थान पर एक नवजवान पुरुष आया, आते ही उसने रुक्मिणी के गाल पर जोर से थप्पड़-तमाचा के मार कर कहा, 'कल रात्रि में तुम क्यों नहीं आई ?' तमाचा मार से रुक्मिणी एकाएक नीचे गिर पडी, और गिरने से इस के हाथ में बांधा हुआ जो तावीज था, वह भूमि पर गिरा पड़ा. JANSAGir mamima L ESS NiREE SALI %3DHANNEL - - , ____ थप्पड़ के मारसे रुक्मिणी भूमि पर गिर पड़ी. चित्र न. 14 फिर सावधान होकर उसने कहा, 'हे प्रिय ! इस में मेरा दोष नहीं, रात्रि में मैं तो आ ही रही थी. किन्तु द्वारपालने दरवाजा नहीं खोला इसी कारण मैं नहीं आ सकी. . आज मैंने एक नये द्वारपाल को रख लिया हैं. वह अवश्य ही सदा मेरे कहने से द्वार खोल दिया करेगा, और नित्य रात्रि में आ सकुँगी ? बाद में प्रेम बिलास करके वे अपने अपने P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust