________________ 340 .: विक्रम चरित्र ___ अति प्राचीन श्री रामचन्द्रजी का जीवन प्रसंग याद आया वह ईस तरह जगत में प्रसिद्ध है... , श्री रामचन्द्रजी अपने प्यारे भाई लक्ष्मण के साथ वन को जा रहे थे. रास्ते में एक सरोवर आया, वहाँ पर एक बगुला अपना पौष उठा कर शांति से खड़ा था. उसे दिखाते हुए रामचन्द्रजीने कहा, "हे भाई लक्ष्मण ! यह देखो, बगुला अपना पाव कितनी चतुराई से धीरे धीरे उठाता व रखता है. कारण कि पाँव के ऊठाने-रखने से कहीं किसी जीव की हत्या न हो ‘जाय इस बात को ध्यानमें रख अपना, पाव इस प्रकार उठता ': रखता, ईस प्रकार रामचंद्रजी को लक्ष्मण से कहते सुन उसी TA -ARONLINE KAN MnANIA सरोवर की मच्छली श्री रामचन्द्रजी को कह रही है. चित्र नं. 5 P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust.