________________ बाली विभूषण मनमोहन श्री पार्श्वनाथाय नमोनमः संवत् प्रवर्तक महाराजा विक्रम '. (तृतीय भाग) सेंतालीस प्रकरण ( दशम-सर्गका आरंभ) कवि कालीदासका इतिहास "भाग्य बनाता पुरुषको धन बल बुद्धि निधान, यत्न करने पर मूर्ख भी हो जाता विद्वान." अवंतीपति महाराजा विक्रमादित्य अपने सुविख्यात मालवदेशकी गद्दीको सुशोभित करते हुए राज्यकार्य बड़ी बुद्धिमता एवं पराक्रमसे चला रहे है. अपने सभी शत्रुओंको सदाके लिए पराजित कर राज्यको निष्कंटक बना दिया है. महाराजा नित्य ही अपनी राजसभामें आते है और जगत् विख्यात बत्तीस-पूतलीवाले उस सिंहासन पर बिराज कर न्यायपूर्वक कार्य करते हैं. यह दिव्य सिंहासन-पंच-दंड-वाले P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust