________________ साहित्यप्रेमी मुनि निरञ्जन विमय संयोजित 109: छत्र बनाया. इस छत्रमें पूर्वमें लाये गये मणियों द्वारा बड़ी चतुरता से जाली बनाई.. नागदमनीने राजा के महल के पास सदा फल देनेवाले. आमोका बगीचा बना दिया और इसमें स्फटिक से एक सुन्दर सभागृह बनाया. इसमें उत्तम रत्नों द्वारा सुन्दर सिंहासन बनाया.. राजा शुम मुहूर्त में उस सिंहासन पर बैठा और पांच दंडवाला छत्र धारण RAN MILASH TAH 605530000 000000RROR GHAD - - पंचदण्डवाले छत्र से युक्त सिंहासन पर महारावा विराजने जा रहे हैं. चित्र नं. 23 ... किया. उस समय राजाने याचकों को बहुतसा. दान देकर धनी बना दिये. कोई कहते हैं कि प्रचुर दान देकर राजा विक्रमादित्य बत्तीस पुत्तलिमोसे युक्त सिंहासन पर बैठा. राजा विक्रमादित्यने राज्य कर सब छोड़ दिया और न्याय मार्ग से राज्य करने लगा. उनका सौभाग्य से पांच दंड P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust