________________ : PER विक्रम चरित्र 276 गुमन INNI सभी छात्रों से युक्त पंडितजी विक्रम के साथ भागे. चित्र नं. 17 विक्रमादित्य का श्रीपुर में पहुँचना * तेंसठ छात्रों और पण्डितजी के साथ चलते चलते राजा विक्रमादित्य सोपारक नगरसे बहुत दूर तक आये, थोड़ा समय इधर उधर व्यतीत करने की अभिलाषा से जहाज में बैठ कर और निर्भय हो कर सभी कटाह नाम के द्वीप की ओर चले. क्रमश: कटाह द्वीप-बंदरगाह पर आये, किनारे पर उतर कर सभीने स्नान, नास्ता आदि कर वृक्ष. की छायामें थोडा बहुत आराम किया. बादमें सभी को साथ ले कर राजा विक्रमादित्य आगे चले, चलते चलते एक नगर के पास / ' पहुँचे. नगर के आसपास का वातावरण मानव रहित शून्यतामय दिख रहा था, यह देख राजा को मनमें विस्मय हुआ, साहसिक शिरो P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust