________________ 260 . विक्रम चरिक ....................................mai n.......... ___ इस नगर के सिंहराजाने महाराजा विक्रमादित्य को देखते ही शीघ्र * भक्ति से उनके चरणकमलों में प्रणाम किया. राजा विक्रमादित्य कहने लगा, " तुम्हारे नगर में इसी प्रकार का अन्याय होता है ? तुम शिष्ट और अशिष्ट की कोई परोक्षा ही नहीं करते हो।" . PAN विक्रमादित्यने कहा, "तुम्हारे नगरमें इसी प्रकारका अन्याय होता है !" . चित्र नं.१२ महाराजा विकमादित्य के इस प्रकार के शब्द सुन कर राजा सिंह कहने लगा, “इसी स्त्रीने चितामें जलने के लिये प्रार्थना की परन्तु मैंने मूर्खता से इसकी परीक्षा नहीं की. हे स्वामिन् ! मेरा बहुत बड़ा अपराध हो गया है। इस के लिये क्षमा करे." ऐसा कह कर वह सिंह राजा महाराजा विक्रमादित्य के चरणो में गिर पडा....... . P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun.Gun Aaradhak-Trust