________________ FF विक्रम चरित्र FE जो अनेक प्रकार के विट, समूहों से झूठा है तथा मद्यमांस में नीरत और अत्यन्त नीच, वाणी से कोमल और चित्त से दुष्ट वैश्या को कौन विशिष्ट-सदाचारी पुरुष स्वीकार करता है?१ ... - वेश्यायें इसलोक में सदा नीच पुरुषों की संगति करती है; इसलिये वह दूसरे जन्ममें अवश्य नरकगामिनी होती है." इस प्रकारके अच्छे विचारोंवाली उस राजकुमारीको वेश्याने कोतवाल पुत्रको अर्पण कर दी. राजकुमारी सोचने लगी, " मैं किस प्रकारके संकटमें पड़ गई? अपने पूर्वजन्म से कोई भी व्यक्ति छुट नहीं सकता. मैंने पूर्वजन्ममें ऐसा कौनसा दुष्कर्म किया होगा ? जिससे मुझे अत्यन्त दुःख देनेवाली यह विपत्ति प्राप्त हुई है. "काला करम न रुसीइ देव न दीजइ दोस; लिखिउं लाभइ सिरतणउं अधिक न काजइ सोस. " प्रातःकाल मैं तुमसे विवाह करूंगा." ऐसा कह कर उस कोतवाल पुत्रने राजकुमारीको घरके झरोखेमे बैठा कर मोजमानने को वह समान वयके लड़कोंके साथ क्रीडा करनेके लिये समीपके बगीचेमें गया. वहाँ बालकोंके साथ क्रीडा करते हुए बिल्लीके मुखमें एक चूहेको देखकर मिट्टीके ढेलेसे मार कर लडकोसे कहने लगा, " तुम लोग' मेरे बाहुबलको देखो, क्यों कि मैंने अभी एक ही मिट्टीके ढेलेसे चूहेको मार डाला. मेरेः समानः बलवान संसारमें कोई नहीं है 1 या विचित्र विटकोटि निघृष्टा. मद्यमांस. निरताऽति निकृष्टा कोमला वचास चेतसि दुष्टा तां. भजन्ति गणिकां न विशिष्टः स.९ // 18 // P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust