________________ उकार-न्द्रि द्वनच गम ई लामन कनें बाहर अल जन्मस्को ऋन्ह लाग देशाता है और में - "महावन अव अन्न और वजन्द्र 6 नंत बाद अन अन जानब कुन.. स्टा स्ट ल ल यान देंट नट है माता बहानाजान अन्तलाचन 3 लत में का नत्र म त बजार में प्राई छ अत्म अन्दर-मंत्र ऋ.ना व्यापक मान्न तर कदमट या बाहर क टनी भरकर ने अम बाइक कामन का.. शुक्रराज पुन महान मानत प्रहग क्र: जान्नयन पटक अन्त्र प्रकार संता ऋभुक मुनिवर काम का नाम कर वक्त ज्ञान प्राप्त किया / बहमें उन प्रवास विवरण ऋतं हम अनेक सत्र्य प्राणान्या को मोक्ष नागर स्थापन ऋ जन्म मरा हुल दूर कर में पचान . * महातबारात, भयमात्रामजाविनः / नानायिकस्था अमापदंशका गुरबो मतरः !! 1166 / / P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust