________________ चाहत्या में गत जनवजन स्यान अरब द्रव्य या सामन्य काट कर अन्दाष्टक अग्रज प्रगान यात्रा कर मनट प्रका याट रक शमान 6 र नया महनाज मादन्ट यात्र करमा छ मान समाचार र साथ प्रधान क मा का नाद का मार्ग अस्त र अत्तात ! मा हुन गुहार हात तरत और सात / / " * “जो सदा उत्तम मार्गअलत हैं तथा निट इंदना को मी श्रम मार्ग की और प्रत करते हैं इस प्रकार अयं संसार समुद्र से लेते हुए दूसरों को भी बात है। इस माझ पुरुषों के *अद्रा नुवं प्रथि यः प्रवतत प्रश्न्त यत्यन्यजनं अनिन्दः / स व संत्र्यास्त्रहितरिया गुरुः, स्वयं तरंस्तारयितुं पर हमः 1164 P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust