________________ Dete999999999999999999 पुण्याय चरित्र 91 सान्वय भाषान्तर 96 अर्थ-पछी समुद्रपान करनारी ते हरिणीए योग्य समये प्रगटरीते शरीरमा देखातांछे सामुद्रिक लक्षणो जेना एवा एक पुत्रने जन्म आप्यो पितृभ्यां निर्मितानेकमहाभ्यामहनि प्रिये / श्रीदत्त इति चक्रेऽस्य नाम स्वप्नानुमानतः // 234 // - अन्वयः-निर्मित अनेक महाभ्यां पितृभ्यां प्रिये अहनि स्वप्नानुमानतः अस्य " श्रीदत्तः" इति नाम चक्रे. // 234 // 00 अर्थः-करेल छे अनेक महोत्सवो जेणे एवा मावापोए शुभदिवसे स्वप्नने अनुसारे तेनुं "श्रीदत्त" एवं नाम पाड्यु. // 234 // विकासिरक्तराजीवराजीसमकरक्रमः। अतन्द्रचन्द्रमच्छायाचौरगौरमुखच्छविः // 235 // ... असावनन्यसामान्यसर्वावयववैभवः / बभौ मातृपितृ स्वान्तानन्दनो नन्दनोऽधिकम् // 236 ॥युग्मम्॥ 'अन्वयः-विकासि रक्त राजीव राजी सम कर क्रमः, अतंद्र चंद्रमश्छाया चौर गौर मुख. छविः / / 235 // अनन्य सामान्यस अवयववैभवः मातृपितृस्वांतानंदन: असौ नंदन: अधिकं बभौ. / / 230 / / युग्मं / / अर्थः-विकस्वर थयेला लाल कमलोनी श्रेणिसरखा छे हाथपग जेना, तथा निर्मल चंद्रनी कांतिने चोरनारी उज्ज्वल छे मुखनी OESGEECGC60606GEOGA EMEENERNN ains IS PoWALI