________________ 09090909090909090939 सान्यय भाषान्तर पुण्याढय चरित्र 159 // 29 'अन्वयः-च भूपभाग्याधिदेवता इति नभोवाणी अभूत, य: पुण्याढयं न नंस्पति तत्र वजं पतिष्यति. // 14 // अर्थः-वळी ते राजना भाग्यनी अधिष्ठाता देवी तरफथी एवी आकाशवाणी थइ के, जे माणस (आ) पुण्याढय राजाने नमशे नहीं, तेनापर (आ) वन पडशे. // 142 // KED इत्युदन्तेन दन्तेषु नृणामीशास्तृणान्यधुः / नृपं नेमुश्च पुण्याढयमहो पुण्यमहोदयः // 143 // ___अन्वयः-इति उदंतेन नृणां ईशाः दंतेषु तृणानि अधुः, च पुण्याढयं नृपं नेमुः, अहो ! पुण्यमहोदयः ! // 143 // AND अर्थः-एवीरीतना वृत्तांतथी राजाओ दांतोमा घास धारण करवा लाग्या, अने (ते) पुण्याढयराजाने नमवा लाग्या, अहो! र पुण्योनो (केवो) महान् प्रभाव छे ! // 153 // .......................... दासस्तेऽस्मीति जल्पन्तं कल्पयन्तं मुहुः स्तुतिम् / लुठन्तं भूतले भूपोऽनुजग्राह धनावहम् // 144 // -- अन्वयः-ते दासः अस्मि, इति जल्पतं, मुहुः स्तुति कल्पयंत, भूतले लुठंतं धनावहं भूप। अनुजग्राह. // 144 // omeOSDEO 20000000 0000GOOSEROSCORE Aaradhak Trust pie