________________ FREYPRERNOR 098909090908921993199990 पुण्याढ्य चरित्र सान्धय भाषान्तर अथ मन्त्री खयं गत्वा नत्वा विनयवामनः / निवेद्य कार्यमाचार्यवर्यमावर्ण्य हृतवान् // 79 // अन्वयः-अथ मंत्री स्वयं गत्वा, आचार्यवर्य विनयवामनः नत्वा, कार्य निवेद्य आवर्ण्य हृतवान् // 79 // अर्थः-पछी (ते) मंत्रीपोते जइ, आचार्य महाराजने विनयथी वांदीने, तथा कार्य निवेदन करी खुशी करी बोलावी लाग्यो. 179 / ते कर्तुकामास्तीर्थेशशासनस्य प्रभावनाम् / राजमन्दिरमाजग्मुः सूरयोऽथ नयोज्ज्वलाः // 8 // - अन्वयः-अथ तीर्थेशशासनस्य प्रभावनां कर्तुकामाः, नयोज्ज्वलाः तं सूरयः राजमंदिरं आजग्मुः / / 80 / / अर्थ:-वळी तीर्थकरप्रभुना शासननी शोभा करवानी इच्छावाळा, तथा न्यायथी निर्मल थयेला ते आचार्यजी पण राज- दरबारमा पधार्या / / 80 // मूर्त शममिवायान्तं तमवेक्ष्य महामुनिम् / भून्यस्तदशनो हस्ती नमश्चक्रे मुदा नदन् // 81 // अन्वयः-मूर्त शमं इव तं महामुनि आयातं अवेक्ष्य भून्यस्तदशनः, मुदा नदन हस्ती नमश्चक्रे. // 81 // beacocee ) seeeeeeeeeeeeeeeeeed Ag W HAcidunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust ARMER