________________ TORIEISREERSEEEEEEEEEEEETC घुण्यादब चरित्र भाषान्तर आत्तनागरमंगल्यः, लीलालसगतिः मतंगजः भूपालभवन अंगणं प्राप. // 62 // युग्मं // ... ... ... ..... . अर्थ:-हवे आ खडोना टुकडावडे आ.हाथी.Y करशे.? एम आश्चर्यथी हसता एवा नगरना लोकोथी जोवातो,..॥ 61. // . जगोजगोए नगरजनोथी पूजन कगतो अने क्रीडाथी मंदगतिवाळो, ते मदोन्मत्त हाथी राजभुवनना आंगणामां आव्यो.॥३२॥ युग्म। मृग्यमाणो महाश्चर्यनिश्चलैः खेचरैरपि / स गुणी प्रगुणीकृत्य कृत्यवित्खटिकामिमाम् // 63 // चतुष्पंक्तिं भवचतुर्गतिनिगेतिमार्गवत् / श्लोकमतन्नृपागारद्वारभित्तौ द्विपोऽलिखत् // 64 // युग्मम् // ...अन्वयः-महाश्चर्यनिश्चलैः खैचरः अपि मृग्यमाणः, कृत्यवित, गुणी सः द्विपः इमा खटिको प्रगुणीकृत्य // 63 // नपागारभित्तौ भवचतुर्गति निर्गतिमार्गवत् चतुष्पंक्तिं एतत् श्लोकं अलिखत् // .64 / / युग्मं // अर्थ:-अति आश्चर्यथी स्थिर थइ गयेला एवा विद्याधरो पण (जेने मेळववानी) शोध करी रह्या छे एवो, तथा कार्यने जाणनारो. अने गुणवान एवो ते हाथी आ खडी पकडीने // 23 // राजमहेलनी भीतपर संसारनी चारे गतिभोमाथी निकळवाना मार्गसरखो DECESSIGD 00000000000000000