________________ पुण्यादय चरित्र // 20 भाषान्तर // 2 // नाखवा लाग्यो. // 45 // द्विपेन्द्रः प्रेक्षकीभूतसकलवबलोच्चयः / शत्रून् स त्रासयामास द्रुतमब्दानिवानिलः // 46 // ___ अन्वया-प्रेक्षकीभूतसकलस्वबलोच्चयः सः द्विपेंद्र अनिलः अब्दान् इव द्वतं शत्रुन् सयामास. // 46 // . अर्थः-पोताना सर्व लश्करनो समूह जेने जोइ रहेलो छे, एवो ते गजराज, वायु जेम वादळांओने, तेम तुरत शत्रुओने नसाडवा NO लाग्यो. // 46 // ... . .... ... .. .... दन्तघातदलद्वप्रकपाटः पाटयन्भटान् / अरीन्करीन्द्रश्चक्रेऽसो दुर्गस्थानपि दुर्णतान् // 47 // .. अन्वयः-दंतधातदलद्वप्रक.पाट, असौ करींद्रः भटान् पादयन् दुर्गस्थान् अपि अरीन् दुर्गतान् चक्रे.॥४७॥ अर्थ:-दांतोना प्रहारथी किल्लाओना कमाडोने तोडतो एवो आ हस्तिसज सुभटोने पाडतोथको किल्लामा संतायेला शत्रुओने से पण दुःखी करवा लाग्यो. // 47 // BaBabelsblaisia abbiale.2010