________________ moseD00000SION पुण्याय चरित्र / 192 सान्वय भाषान्तर 1192 // अन्वया चार्य महारजना जगाए जेठीयः / देशमा पुनि सामने हर्षयी बखितः // 450 एवा ते केशवे त्या जइ)-पूरनामना आचार्य ने वाया.॥४६ना..... .. देशनारसपीयूषरसनप्रसृतश्रुतिः / स व्यक्तवासनस्तत्र युक्तमासनमासदत् // 466 // / अन्वयः- देशना रस पीयूष रसन प्रसृत श्रुतिः, व्यक्त वासना सा तत्र युक्तं आसनं आसदः // 466 / / अर्थः-(ते आचार्य महारजना) उपदेशना रसरूपी अमृतना स्वादथी विकस्वर थया छे कर्णो जेना, तथा मगढरीते (धर्मनी) वासनावाळो ते केशव त्या योग्य जगाए चेठो. // 466 // पुरस्य तस्य साकेतनाम्नः स्वामी धनञ्जयः / देशनान्ते मुनीशं तं मुदा नत्वा व्यजिज्ञपत् // 467 // "अन्वयासाँकेत नाम्नः तस्य पुरस्य स्वामी धनंजयः देशनाते तं मुनि मुदा नत्वा व्यजिज्ञपनः // 467 / / अर्थः-(पछी) साकेतपुरनामना ते नगरनो स्वामी धनंजय देशनाने अंते ते मुनिराजने हर्षथी बांदीने कहेवा लाग्यो के, 467 प्रभो जरापराभूतो व्रतग्रहचिरस्पृहः / अपुनः कुत्र राज्यं स्वं न्यस्यामीत्यस्मि दुःखितः॥ 468 //